अल्मोड़ा जनपद में चीड़ के वृक्षों से आच्छादित ऊँची पहाड़ी के ढलान पर बसे मानिला गाँव में मानिला (माँ अनिला) के दो मंदिर हैं- मानिला मल्ला और मानिला तल्ला। कत्युरो की पारिवारिक देवी माँ मानिला का मन्दिर रानीखेत से ८५ किमी की दुरी पर स्थित प्राकृतिक सुन्दरता का एक अनमोल खजाना है, यहाँ से हिमालय का प्रातः कालीन दृश्य देखने योग्य होता है, सदर से लेकर रथखाल तक ५ किमी का सफर पहाडी के बीचों बीच से होकर गुजरता है जहाँ से आपको शिवालिक हिमालय और वृहद् हिमालय के एक साथ दर्शन होते हैं! मानिला १४ किमी की लम्बाई तक फैला हुआ है तथा ये तल्ला मानिला और मल्ला मानिला में विभाजित है, तल्ला मानिला समुद्र सतह से १५०० मीटर की ऊंचाई पर तथा मल्ला मानिला १९५० मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है, मल्ला मानिला मानिला देवी की ही शक्तिपीठ है, यहाँ पर आपको चीड, देवदार और बांज के वृक्ष बहुतायत में मिलेंगे,यहाँ से आपको हिमालय की हाथी मत्था से लेकर पंचचुली तक की पर्वत श्रंखलायें दिखाई देंगी, और त्रिशूल पर्वत का नजारा देखने योग्य होता है,
Sunday, June 29, 2008
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2 comments:
hi
keshi hia aap so aap ki sid dekha kar bara chha laga guw mi emai idi
my sid http://dineshtiwari.blogspot.com
Kya aap mujhe गड कत्युरो मै रहनेवाली कत्युरी मल्ल लोगो कि जानकारी दे शक्ते है यह जगा है या नहि है कृपया जानकारी दे
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