Sunday, June 29, 2008
















कत्यूरी लोगो की पारिवारिक देवी

अल्मोड़ा शहर से १२७ किमी और रामनगर से ७२ किमी दूर प्राकृतिक वादियों में स्थित मानिला एक रमणीक स्थल है, १६०० मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थल माँ मानिला मंदिर के लिए ें विश्व विख्यात है, यह मंदिर कत्यूरी लोगो की पारिवारिक देवी मानिला का मंदिर है, यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता देखते ही बनती है, देवदार , चीड़ और बांज के वृक्षों से आच्छादित यहाँ के वन ग्रीष्म ऋतू में तन और मन को शीतलता प्रदान करते हैं, कुछ कथाओ के अनुसार माना जाता है की कुछ वरस पूर्व अज्ञात चोरो ने इस मंदिर की मूर्ति को चुराने की कोशिश की, लेकिन मूर्ति भरी होने के कारन चोर यहाँ से देवी का हाथ काटकर ले गए, कुछ दूर जाने पर जब वे थक गए तो उन्होंने एक जगह पर विश्राम किया और जब वहाँ से वे आगे बढ़ने लगे तो वो हाथ वहाँ से नही उठा सके, तभी से वहाँ पर एक मंदिर का निर्माण हुआ जिसे अब माँ मानिला देवी के शक्ति पीठ के रूप में जाना जाता है,

रहस्यमय वृक्ष

एक और खास बात है इस मंदिर की, मंदिर के परिसर मे एक विशाल पेङ है जो हमेशा हर मौसम मे हरा रहता है उसमे कोई फल नहीं लगते अभी तक ये एक रहस्य है कि वो पेङ किस चीज़ का है, जो आज तक कई रिर्सचों के बाद भी रहस्य बना हुआ I

कब जाया जाए





यहाँ पर जाने के लिए अक्टूबर से लेकर जून तक का महिना बहुत ही उचित है, मानसून में आपको यहाँ से हिमालय के दर्शन नही भी हो सकते हैं,
यहाँ पर ठहरने के लिए अभी केवल उत्तराँचल बन विभाग का गेस्ट हाउस और कुमाओं मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस है, कुमाओं मंडल का गेस्ट हाउस विस्तार के लिए अभी विचाराधीन है, जिसके लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है,

विभिन्न स्थानों से दुरी :



रामनगर से ८० किमी,


रानीखेत से ८५ किमी,


काठगोदाम से १४० किमी,


अल्मोडा से १२८ किमी,

मानिला- उत्तराखंड का पर्यटक स्थल




अल्मोड़ा जनपद में चीड़ के वृक्षों से आच्छादित ऊँची पहाड़ी के ढलान पर बसे मानिला गाँव में मानिला (माँ अनिला) के दो मंदिर हैं- मानिला मल्ला और मानिला तल्ला। कत्युरो की पारिवारिक देवी माँ मानिला का मन्दिर रानीखेत से ८५ किमी की दुरी पर स्थित प्राकृतिक सुन्दरता का एक अनमोल खजाना है, यहाँ से हिमालय का प्रातः कालीन दृश्य देखने योग्य होता है, सदर से लेकर रथखाल तक ५ किमी का सफर पहाडी के बीचों बीच से होकर गुजरता है जहाँ से आपको शिवालिक हिमालय और वृहद् हिमालय के एक साथ दर्शन होते हैं! मानिला १४ किमी की लम्बाई तक फैला हुआ है तथा ये तल्ला मानिला और मल्ला मानिला में विभाजित है, तल्ला मानिला समुद्र सतह से १५०० मीटर की ऊंचाई पर तथा मल्ला मानिला १९५० मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है, मल्ला मानिला मानिला देवी की ही शक्तिपीठ है, यहाँ पर आपको चीड, देवदार और बांज के वृक्ष बहुतायत में मिलेंगे,यहाँ से आपको हिमालय की हाथी मत्था से लेकर पंचचुली तक की पर्वत श्रंखलायें दिखाई देंगी, और त्रिशूल पर्वत का नजारा देखने योग्य होता है,